
पीरियड
1. सामान्य है या नहीं
- पीरियड के दौरान छोटे छोटे ब्लड क्लॉट आना सामान्य बात है
- ज़्यादातर ऐसा भारी फ्लो के समय क्रैम्प्स और दर्द के साथ होता है
- लगभग एक तिहाई महिलाएँ जीवन में कभी न कभी भारी ब्लीडिंग और क्लॉट्स का अनुभव करती हैं
2. कब अधिक ध्यान दें
- क्वार्टर (सिक्के) से बड़े क्लॉट्स लगातार आना भारी ब्लीडिंग का संकेत हो सकता है
- अगर पैड या टैम्पोन हर घंटे बदलना पड़ रहा है या रात में भी बार बार बदलना पड़ रहा है तो डॉक्टर से मिलें
- 7 दिन से ज़्यादा पीरियड चलना भी असामान्य हो सकता है
3. किन कारणों से होते हैं क्लॉट्स
- सामान्य कारण हार्मोनल बदलाव भारी फ्लो के दिन
- गर्भाशय की समस्याएं फाइब्रॉइड पॉलीप्स एडेनोमायोसिस कैंसर जैसी स्थितियाँ
- ओव्यूलेशन में गड़बड़ी पीसीओएस थायरॉइड पिट्यूटरी समस्याएं
- ब्लीडिंग डिसऑर्डर प्लेटलेट की कमी या खून पतला करने वाली दवाओं के कारण
- मिसकैरेज अगर अचानक बहुत ज़्यादा क्लॉट्स आ रहे हों और टिशू पास हो रहे हों
4. कब डॉक्टर से ज़रूर मिलें
- अत्यधिक कमजोरी चक्कर आना सांस फूलना या बहुत कमज़ोरी महसूस होना
- क्लॉट्स बहुत बड़े हों या बार बार आएं
- पीरियड की वजह से काम काज या रोज़मर्रा की ज़िंदगी प्रभावित हो रही हो
5. डॉक्टर क्या जाँच करेंगे
- मेडिकल हिस्ट्री लेंगे पीरियड कब शुरू हुए कितने दिन चलते हैं कितना खून आता है
- टेस्ट
- ब्लड टेस्ट थायरॉइड एनीमिया क्लॉटिंग
- अल्ट्रासाउंड हाइस्टेरोस्कोपी बायोप्सी
- डी एंड सी जैसी जाँचें
6. क्या है इलाज
- दवाइयाँ
- ट्रानेक्सेमिक एसिड हार्मोनल थेरेपी बर्थ कंट्रोल पिल्स
- आयरन सप्लीमेंट्स एनीमिया के लिए
- IUD हॉर्मोनल
- सर्जरी
- हाइस्टेरोस्कोपी से पॉलीप्स फाइब्रॉइड निकालना
- एंडोमेट्रियल एब्लेशन
- जरूरत पड़ने पर हिस्टरेक्टॉमी
7. घरेलू उपाय और देखभाल
- पेट पर हीट पैक लगाएं दर्द कम होता है
- हल्की एक्सरसाइज़ या योग आराम मिल सकता है
- पर्याप्त आराम करें ज़रूरी हो तो काम कम कर दें
- डॉक्टर की सलाह से ही कोई सप्लीमेंट या दर्द की दवा लें
8. जल्दी ध्यान दें सुरक्षित रहें
- पीरियड के दौरान ब्लड क्लॉट आना आम बात है लेकिन ज़्यादा या बड़े क्लॉट्स को नज़रअंदाज़ न करें
- समय पर डॉक्टर से सलाह लेने पर समस्या का सही कारण और इलाज पता चल सकता है
- अपने स्वास्थ्य का ध्यान रखें और अपने शरीर के संकेतों को समझें
याद रखें अपनी सेहत की देखभाल सबसे ज़रूरी है