
वृद्धों में यौन संक्रमण
सीडीसी की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले दशक में वरिष्ठ नागरिकों में गोनोरिया, क्लेमाइडिया और सिफलिस जैसे यौन संक्रमणों में तीव्र वृद्धि देखी गई है। विशेषज्ञ बताते हैं कि यह सिर्फ युवाओं की समस्या नहीं, बल्कि उम्रदराज़ लोगों के लिए भी गंभीर खतरा बन चुका है।
अक्सर यौन संचारित संक्रमणों (STIs) को युवा पीढ़ी से जोड़ा जाता है, लेकिन हालिया आंकड़े एक अलग कहानी बयां कर रहे हैं। अमेरिका के Centers for Disease Control and Prevention (CDC) द्वारा जारी नई रिपोर्ट में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है कि पिछले दस वर्षों में 55 साल से अधिक उम्र के लोगों में यौन संक्रमणों के मामले में भारी वृद्धि देखी गई है।
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📈 वृद्धावस्था में यौन संक्रमण: आंकड़े क्या कहते हैं?
2012 से 2022 के बीच, 55+ आयु वर्ग में गोनोरिया के मामलों में लगभग पांच गुना वृद्धि हुई है। क्लेमाइडिया के केस तीन गुना बढ़े हैं और सिफलिस के मामलों में तो लगभग सात गुना उछाल आया है।
सिर्फ बुजुर्ग ही नहीं, बल्कि पूरे अमेरिका में इन संक्रमणों के मामलों में तेज़ी देखी जा रही है। 2018 से 2022 के बीच सिफलिस के मामलों में लगभग 80% की बढ़ोतरी दर्ज की गई।
🧠 क्यों हो रही है वृद्धों में STIs की वृद्धि?
विशेषज्ञों के अनुसार, इसके पीछे कई कारण हैं:
1. स्वस्थ जीवनशैली और लंबी उम्र:
आज की पीढ़ी लंबा और स्वस्थ जीवन जी रही है। यौनिकता और संबंध अब केवल युवाओं तक सीमित नहीं, बल्कि वृद्धों के लिए भी अहम हैं।
2. सेक्स संबंधी दवाओं का उपयोग:
बाजार में ऐसी दवाएं उपलब्ध हैं जो मेनोपॉज़ की समस्याएं (जैसे योनि में सूखापन) और इरेक्टाइल डिसफंक्शन को कम करती हैं, जिससे वरिष्ठ नागरिकों की यौन सक्रियता बनी रहती है।
3. जानकारी की कमी:
पुरानी पीढ़ी के पास STI की रोकथाम और जांच को लेकर जानकारी कम है। युवाओं की तुलना में बुजुर्गों को कंडोम के उपयोग और नियमित स्क्रीनिंग की आदत नहीं होती।
4. महिलाओं में हार्मोनल बदलाव:
मेनोपॉज़ के बाद योनि की परत पतली, सर्वाइकल म्यूकस कम और पीएच स्तर में बदलाव होने से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
🩺 अब क्या किया जा सकता है?
1. चिकित्सकीय प्रशिक्षण की आवश्यकता:
कोलंबिया यूनिवर्सिटी के डॉ. जेसन ज़ुकर कहते हैं,
“हमें बुजुर्गों का यौन इतिहास लेना, उनकी यौनिक आवश्यकताओं को समझना और उन्हें जरूरी स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना सिखाना होगा।”
2. सुविधाओं तक आसान पहुंच:
- मुफ्त कंडोम और ल्यूब्रिकेंट्स उपलब्ध कराना
- शैक्षणिक संसाधन देना
- वैक्सीनेशन और नियमित STI जांच कराना
- Doxy-PEP जैसी संक्रमण-रोधी दवाएं देना
3. संदेश सिर्फ युवाओं के लिए नहीं:
आज भी यौन स्वास्थ्य अभियानों और विज्ञापनों में केवल युवा चेहरों को दिखाया जाता है। अब ज़रूरत है कि बुजुर्गों को ध्यान में रखते हुए विज्ञापन, संसाधन और स्वास्थ्य शिविर बनाए जाएं।
🤝 बुजुर्गों की भूमिका भी अहम
येल यूनिवर्सिटी के डॉ. ह्यू टेलर कहते हैं:
“बुजुर्गों को खुद आगे आकर डॉक्टर को बताना चाहिए कि वे यौन रूप से सक्रिय हैं और सुरक्षित सेक्स के बारे में बात करने की इच्छा रखते हैं।”
🌟 समाधान के रास्ते:
- नियमित STI जांच कराना
- सुरक्षित यौन व्यवहार अपनाना
- सहानुभूति और समझ के साथ यौनिकता पर चर्चा
- शिक्षा और जागरूकता फैलाना
✨ निष्कर्ष: उम्र कोई सीमा नहीं है — यौन स्वास्थ्य के लिए नहीं!
यह समय है कि हम इस पुराने मिथक को तोड़ें कि यौन संक्रमण केवल युवाओं की समस्या हैं। जैसे-जैसे हमारी उम्र बढ़ती है, हमारी ज़रूरतें और चुनौतियाँ बदलती हैं। यौन स्वास्थ्य भी उनमें से एक है। यह न केवल व्यक्तिगत स्वास्थ्य का मुद्दा है, बल्कि सामाजिक जागरूकता और मेडिकल सिस्टम में सुधार की भी आवश्यकता है।
अब बदलाव का समय है — ताकि हर उम्र में लोग स्वस्थ, सुरक्षित और आत्मनिर्भर जीवन जी सकें।
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