
गर्भाशय कैंसर के लक्षण
असामान्य ब्लीडिंग से लेकर पेट दर्द तक – जानिए गर्भाशय कैंसर के शुरुआती और देर से दिखने वाले लक्षण, और कब डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है।
गर्भाशय कैंसर (Uterine Cancer) महिलाओं में एक गंभीर लेकिन शुरुआती अवस्था में पकड़ा जाए तो काफ़ी हद तक इलाज़ योग्य बीमारी है। यह तब होता है जब गर्भाशय (uterus) की कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती हैं। इनमें से सबसे सामान्य प्रकार है एंडोमेट्रियल कैंसर (Endometrial Cancer), जो गर्भाशय की भीतरी परत में शुरू होता है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के आंकड़ों के अनुसार, हर साल लगभग 1 लाख में से 28 महिलाओं को गर्भाशय कैंसर का पता चलता है। इसका मतलब है कि यह बहुत आम नहीं है, लेकिन यदि समय रहते इसके लक्षण पहचान लिए जाएं, तो इसका इलाज आसानी से संभव है।
आइए जानते हैं गर्भाशय कैंसर के कुछ शुरुआती और महत्वपूर्ण लक्षण, जिन पर ध्यान देना ज़रूरी है।
Contents
- 1. अनियमित योनि से रक्तस्राव (Irregular Vaginal Bleeding)
- 2. असामान्य योनि स्राव (Unusual Vaginal Discharge)
- 3. शारीरिक दर्द और असहजता (Pelvic Pain & Discomfort)
- 4. देर से दिखने वाले लक्षण (Late-Stage Symptoms)
- 5. किस उम्र में होता है ज़्यादा ख़तरा?
- 6. सबसे पहले कहाँ फैलता है यह कैंसर?
- 7. डॉक्टर से कब मिलें?
- निष्कर्ष (Quick Review)
1. अनियमित योनि से रक्तस्राव (Irregular Vaginal Bleeding)
यह गर्भाशय कैंसर का सबसे आम और पहला संकेत होता है। यदि आप मासिक धर्म के समय के अलावा कभी भी ब्लीडिंग महसूस करें, या रजोनिवृत्ति (menopause) के बाद रक्तस्राव हो तो यह चिंताजनक हो सकता है।
रजोनिवृत्ति के बाद किसी भी प्रकार की ब्लीडिंग को सामान्य नहीं माना जाता। चाहे हल्की स्पॉटिंग ही क्यों न हो, डॉक्टर से मिलना अनिवार्य है।
यदि मासिक धर्म अभी चालू है, तो भी बहुत ज़्यादा खून आना या दो पीरियड्स के बीच में ब्लीडिंग होना चेतावनी का संकेत हो सकता है।
2. असामान्य योनि स्राव (Unusual Vaginal Discharge)
प्राकृतिक रूप से योनि स्राव होना सामान्य है, लेकिन अगर इसमें बदलाव दिखाई दे जैसे:
- खून मिलना
- स्राव का रंग गुलाबी, भूरा, या सफेद होना
- दुर्गंध आना
- मवाद जैसी बनावट होना
तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें। यह कैंसर की ओर इशारा कर सकता है।
3. शारीरिक दर्द और असहजता (Pelvic Pain & Discomfort)
गर्भाशय में ट्यूमर बढ़ने पर आसपास के अंगों और ऊतकों पर दबाव पड़ने लगता है, जिससे:
- पेट के निचले हिस्से में भारीपन या सूजन
- पीठ या पैरों में दर्द
- संभोग के दौरान दर्द
- पेशाब या मल त्याग करते समय असहजता
जैसे लक्षण महसूस हो सकते हैं।
4. देर से दिखने वाले लक्षण (Late-Stage Symptoms)
अगर कैंसर फैल चुका हो, तो लक्षण और भी गंभीर हो सकते हैं:
- पेट में सूजन (Ascites या Lymphedema): ट्यूमर की वजह से पेट में तरल भराव हो सकता है
- गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल समस्याएं: कब्ज, दस्त, या पेट में दर्द
- बार-बार पेशाब आना: मूत्राशय पर दबाव की वजह से
- अनचाहा वज़न घटाव: भूख में कमी की वजह से
5. किस उम्र में होता है ज़्यादा ख़तरा?
अधिकांश मामलों में गर्भाशय कैंसर 60 साल की उम्र के आसपास होता है। यह बीमारी 45 साल से पहले बहुत कम देखी जाती है।
इसलिए रजोनिवृत्ति के बाद की महिलाएं विशेष सावधानी रखें।
6. सबसे पहले कहाँ फैलता है यह कैंसर?
यदि समय पर इलाज़ न हो तो गर्भाशय कैंसर:
- ग्रीवा (Cervix)
- अंडाशय (Ovaries)
- फैलोपियन ट्यूब्स
- योनि
- लिम्फ नोड्स
तक फैल सकता है। कुछ मामलों में यह फेफड़ों तक भी पहुँच सकता है।
7. डॉक्टर से कब मिलें?
यदि आपको निम्नलिखित लक्षण महसूस हों तो तुरंत किसी स्त्री रोग विशेषज्ञ या Gynecologic Oncologist से संपर्क करें:
- रजोनिवृत्ति के बाद कोई भी ब्लीडिंग
- असामान्य स्राव
- पेट या पीठ में लगातार दर्द
- अचानक वज़न गिरना या भूख की कमी
प्रारंभिक जांच में निम्नलिखित टेस्ट किए जा सकते हैं:
📌 इतिहास और शारीरिक जांच (History & Physical)
डॉक्टर आपकी बीमारी और परिवार में कैंसर के इतिहास की जानकारी लेंगे और शारीरिक परीक्षण करेंगे।
📌 ट्रांसवेजाइनल अल्ट्रासाउंड (Transvaginal Ultrasound)
इस प्रक्रिया में एक यंत्र को योनि के अंदर डालकर गर्भाशय की आंतरिक छवि प्राप्त की जाती है। इससे ट्यूमर की मौजूदगी का पता चलता है।
📌 एंडोमेट्रियल बायोप्सी (Endometrial Biopsy)
यदि अल्ट्रासाउंड में कुछ असामान्य दिखता है, तो गर्भाशय की भीतरी परत से ऊतक का नमूना लिया जाता है और जांच की जाती है।
निष्कर्ष (Quick Review)
गर्भाशय कैंसर एक गंभीर बीमारी हो सकती है, लेकिन शुरुआती पहचान से इलाज़ आसान हो जाता है। इसलिए महिलाओं को चाहिए कि वे अपने शरीर में हो रहे बदलावों को अनदेखा न करें।
याद रखें: “रजोनिवृत्ति के बाद ब्लीडिंग सामान्य नहीं है।”
यदि किसी भी प्रकार का असामान्य लक्षण दिखे तो समय बर्बाद किए बिना विशेषज्ञ से मिलें।
स्वास्थ्य है तो सब कुछ है। थोड़ी सी जागरूकता आपकी और आपके परिवार की ज़िंदगी को सुरक्षित बना सकती है।
🔔 अपने स्वास्थ्य की जांच कराएं, सुरक्षित रहें, और दूसरों को भी जागरूक करें।
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