
दिल की बीमारियाँ 2025
अमेरिका में हार्ट अटैक से मौतें घट रही हैं, लेकिन दिल की पुरानी बीमारियाँ अब नई चुनौती बनकर उभर रही हैं। जानिए इसके पीछे की वजहें और दिल को कैसे रखें सुरक्षित।
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दिल को लेकर आई बड़ी खुशखबरी – लेकिन सतर्क रहने का समय भी
हार्ट अटैक का नाम सुनते ही डर लगना लाजमी है, लेकिन अब राहत की बात ये है कि हालिया शोध के मुताबिक पिछले 50 वर्षों में हार्ट अटैक से मरने वालों की संख्या में पूरे 89% की गिरावट देखी गई है। अमेरिका में किए गए इस अध्ययन में पाया गया कि जहां एक तरफ इस जानलेवा बीमारी पर काबू पाया जा चुका है, वहीं दूसरी तरफ दिल से जुड़ी अन्य पुरानी बीमारियाँ अब चिंता का विषय बनती जा रही हैं।
स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की डॉ. सारा किंग के नेतृत्व में हुए इस अध्ययन को Journal of the American Heart Association में प्रकाशित किया गया है।
मौतों में गिरावट की ये है बड़ी वजह
डॉ. किंग के अनुसार, पिछले 50 वर्षों में दवाओं में प्रगति, मेडिकल प्रक्रियाओं में सुधार और जनस्वास्थ्य के स्तर पर किए गए प्रयासों ने हार्ट अटैक से मौतों में जबरदस्त कमी लाई है।
1970 से लेकर 2022 तक के आंकड़ों का विश्लेषण करने पर पाया गया कि:
- दिल की बीमारियों से मौतों में कुल 66% की गिरावट आई।
- इस्केमिक हार्ट डिजीज (जो दिल की धमनियों में रुकावट के कारण होती है) से मरने वालों की संख्या 91% से घटकर 53% हो गई।
- हार्ट अटैक से होने वाली मौतें 89% घटीं, और अब यह केवल एक-तिहाई मौतों का कारण रह गई हैं।
यह सब एक बेहतरीन उपलब्धि है, लेकिन कहानी यहीं खत्म नहीं होती।
चिंता की नई लहर: पुरानी हृदय बीमारियाँ बढ़ रही हैं
इस शोध ने एक और पहलू को भी उजागर किया — अब अधिक लोग क्रॉनिक (दीर्घकालिक) हृदय रोगों से मर रहे हैं।
कौन सी बीमारियाँ बढ़ रही हैं?
- हाइपरटेंसिव हार्ट डिजीज (उच्च रक्तचाप जनित दिल की बीमारी)
📈 106% की वृद्धि | 2022 में 13% मौतें इसी से
लगातार हाई ब्लड प्रेशर से दिल की मांसपेशियाँ कमजोर हो जाती हैं और इसका असर पूरे शरीर पर पड़ता है। - हार्ट फेल्योर (हृदय विफलता)
📈 146% की वृद्धि | 2022 में 12% मौतें
जब दिल शरीर को पर्याप्त खून नहीं पंप कर पाता, तब यह स्थिति बनती है। - एरिथमिया (दिल की धड़कन में अनियमितता)
📈 450% की वृद्धि | 2022 में 4% मौतें
जब दिल की धड़कन बहुत तेज, बहुत धीमी या अनियमित हो जाती है, तो यह घातक बन सकती है।
क्यों हो रहा है ये बदलाव?
विशेषज्ञों का मानना है कि:
- मेडिकल तकनीक ने हार्ट अटैक को जल्दी पहचानने और ठीक करने में मदद की है।
- लेकिन जो लोग हार्ट अटैक से बच जाते हैं, उनमें से कई बाद में क्रॉनिक हार्ट कंडीशन का शिकार हो जाते हैं।
- इसके साथ ही बुजुर्गों की बढ़ती आबादी, मोटापा, डायबिटीज और हाई ब्लड प्रेशर जैसी समस्याएँ इस ट्रेंड को बढ़ा रही हैं।
डॉ. जॉन हिगिंस का कहना है, “हमने तीव्र (Acute) हृदय रोगों से लड़ाई तो जीत ली है, लेकिन अब दीर्घकालिक (Chronic) बीमारियाँ हमारे सामने एक नई जंग हैं।”
क्या आप जोखिम में हैं?
इन बीमारियों से बचना मुमकिन है — बशर्ते आप अपने दिल की देखभाल समय रहते शुरू करें। डॉ. जेसन हॉफ के अनुसार, आप इन पाँच उपायों से अपने दिल को मजबूत बना सकते हैं:
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- अपने नंबर जानें
- ब्लड प्रेशर, शुगर, कोलेस्ट्रॉल और वजन पर नजर रखें।
- जितना जल्दी पता चलेगा, उतना बेहतर इलाज होगा।
- नियमित व्यायाम करें
- हफ्ते में कम से कम 150 मिनट तेज चाल से चलना, साइकलिंग या तैराकी करें।
- इससे ब्लड प्रेशर भी घटेगा और दिल की मांसपेशियाँ भी मजबूत होंगी।
- संतुलित आहार अपनाएँ
- फल, सब्जियाँ, साबुत अनाज, ओमेगा-3 फैटी एसिड (जैसे अखरोट या मछली) को अपने खाने में शामिल करें।
- DASH या Mediterranean जैसी डाइट को हृदय-स्वास्थ्य के लिए सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
- धूम्रपान से दूर रहें
- तंबाकू और सिगरेट अभी भी दिल की बीमारियों के प्रमुख कारण हैं।
- छोड़ने में दिक्कत हो तो डॉक्टर से मदद लें।
- तनाव और नींद को प्राथमिकता दें
- लगातार तनाव और नींद की कमी दिल की सेहत को खराब करती है।
- ध्यान, योग, सोशल कनेक्शन और 7–8 घंटे की नींद से दिल को राहत मिलती है।
निष्कर्ष: जीत की शुरुआत, लेकिन लड़ाई अभी बाकी है
यह सच है कि विज्ञान, दवाओं और जीवनशैली में सुधार ने हार्ट अटैक जैसी गंभीर स्थिति से हमें काफी हद तक बचा लिया है। पर अब हमारी ज़िम्मेदारी है कि हम नए प्रकार की दिल की बीमारियों को गंभीरता से लें।
हमें न सिर्फ इलाज पर ध्यान देना है, बल्कि रोकथाम पर भी जोर देना होगा।
दिल की धड़कनों को सही रखने के लिए आज से ही पहल करें।
क्योंकि,
“दिल है तो ज़िंदगी है” — और ज़िंदगी को लंबा और सेहतमंद बनाना अब आपके हाथ में है।
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