
गर्मी में फूड पॉइज़निंग से बचाव
गर्मियों में भोजन से जुड़ी बीमारियाँ क्यों बढ़ जाती हैं, किन आदतों से खतरा बढ़ता है, और कैसे बचें—जानिए एक्सपर्ट्स की सलाह इस खास रिपोर्ट में।
Contents
- गर्मी में फूड पॉइज़निंग से बचाव
- 1️⃣ गर्मी में बैक्टीरिया को मिलता है “परफेक्ट माहौल”
- 2️⃣ किचन से बाहर खाना बनाना = बढ़ता जोखिम
- 3️⃣ अधपका खाना — स्वादिष्ट लेकिन खतरनाक
- 4️⃣ “डेंजर ज़ोन” से बचें – 40°F से 140°F तक
- 5️⃣ हाथ धोना और सफाई — छोटी लेकिन अहम आदतें
- 6️⃣ क्रॉस-कंटेमिनेशन से सतर्क रहें
- 7️⃣ अगर हो ही जाए फूड पॉइज़निंग, तो क्या करें?
गर्मी में फूड पॉइज़निंग से बचाव
गर्मियों का मौसम आते ही पिकनिक, बारबेक्यू और आउटडोर पार्टीज़ का मज़ा भी शुरू हो जाता है। लेकिन स्वादिष्ट व्यंजन के साथ-साथ एक और अनचाहा “डिश” भी साथ आ सकता है — फूड पॉइज़निंग।
क्या आप जानते हैं? अमेरिका में हर साल करीब 4.8 करोड़ लोग भोजन से जुड़ी बीमारियों का शिकार होते हैं। और सबसे ज़्यादा मामले जुलाई से सितंबर के बीच सामने आते हैं। यानी गर्मियों में फूड पॉइज़निंग का खतरा 10 गुना तक बढ़ जाता है।
तो आख़िर गर्मियों में ही क्यों बढ़ता है फूड पॉइज़निंग का खतरा? और इससे कैसे बचा जाए? चलिए जानते हैं विस्तार से—
1️⃣ गर्मी में बैक्टीरिया को मिलता है “परफेक्ट माहौल”
गर्मी और नमी मिलते ही बैक्टीरिया ज़्यादा तेज़ी से बढ़ते हैं। विशेषज्ञ डॉ. ब्रायन क्वॉक ली के अनुसार, गर्म तापमान में सेल्मोनेला, लिस्टेरिया और ई. कोलाई जैसे खतरनाक बैक्टीरिया ज़्यादा सक्रिय हो जाते हैं। यह बैक्टीरिया कच्चे मांस, अधपके खाने और खुले में रखे भोजन में तेजी से फैल सकते हैं।
2️⃣ किचन से बाहर खाना बनाना = बढ़ता जोखिम
गर्मियों में लोग अक्सर गार्डन में या पार्क में खाना पकाते हैं। इस दौरान सफाई और टेम्परेचर कंट्रोल पर ज़्यादा ध्यान नहीं दिया जाता। नतीजा—क्रॉस-कंटेमिनेशन और अधपका खाना, जो बीमारियों को न्योता देता है।
3️⃣ अधपका खाना — स्वादिष्ट लेकिन खतरनाक
गर्मी में बारबेक्यू और ग्रिल का मज़ा सबको पसंद है, लेकिन यही मज़ा ज़हर में बदल सकता है। स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. जूली पार्सनेट कहती हैं, “ग्रिल किए गए खाने में अक्सर बाहर से तो सीयरिंग हो जाती है, लेकिन अंदर से वह अधपका रह जाता है।”
✅ बचाव कैसे करें?
हमेशा खाना थर्मामीटर से चेक करें। यूएसडीए के अनुसार, चिकन को 165°F (73.8°C) और बीफ को 145°F (62.7°C) तक पकाना चाहिए।
4️⃣ “डेंजर ज़ोन” से बचें – 40°F से 140°F तक
गर्मी में बाहर खाना रखने से वह जल्दी “डेंजर ज़ोन” में आ जाता है — यानी 40°F से 140°F (4°C – 60°C) के बीच का तापमान, जिसमें बैक्टीरिया सबसे तेजी से पनपते हैं।
✅ बचाव कैसे करें?
- ठंडा खाना फ्रिज या आइस बॉक्स में रखें।
- गरम खाना ओवन या ग्रिल के किनारे गर्म रखें।
- 90°F (32°C) से ज़्यादा गर्मी में, 1 घंटे से ज़्यादा खाना बाहर न छोड़ें।
5️⃣ हाथ धोना और सफाई — छोटी लेकिन अहम आदतें
आउटडोर में खाना खाते समय हाथ धोने की आदत अक्सर छूट जाती है। डॉ. ली कहते हैं, “अगर आपने कच्चे बर्गर को छूने के बाद टमाटर पकड़ा, तो ई. कोलाई का संक्रमण हो सकता है।”
✅ बचाव कैसे करें?
- कम से कम 20 सेकंड तक साबुन से हाथ धोएँ।
- साफ पानी न हो तो हैंड सैनिटाइज़र या 60% अल्कोहल वाला टिशू इस्तेमाल करें।
- कच्चा और पका हुआ खाना अलग रखें।
6️⃣ क्रॉस-कंटेमिनेशन से सतर्क रहें
कई बार लोग एक ही चॉपिंग बोर्ड पर कच्चा मांस और फिर सलाद काट लेते हैं। इससे बैक्टीरिया सीधे खाने में पहुंच सकते हैं।
✅ बचाव कैसे करें?
- कच्चे मांस के लिए अलग चॉपिंग बोर्ड रखें।
- फ्रिज में कच्चा खाना नीचे और तैयार खाना ऊपर रखें।
7️⃣ अगर हो ही जाए फूड पॉइज़निंग, तो क्या करें?
फूड पॉइज़निंग के लक्षण कुछ घंटों में सामने आ सकते हैं। इनमें शामिल हैं:
- दस्त
- पेट में ऐंठन
- मिचली
- उल्टी
- बुखार
खास जोखिम वाले लोग:
- 65 साल से ऊपर के बुजुर्ग
- 5 साल से छोटे बच्चे
- गर्भवती महिलाएँ
- जिनकी इम्यूनिटी कमजोर है
✅ उपचार:
- खूब पानी और इलेक्ट्रोलाइट्स लें (जैसे हल्का सेब का रस, नारियल पानी या क्लियर सूप)।
- अगर उल्टी की वजह से पानी नहीं रुक रहा हो, चक्कर आ रहा हो, बुखार तेज़ हो, या दो-तीन दिन से सुधार न हो—तो डॉक्टर से ज़रूर मिलें।
निष्कर्ष:
गर्मी का मौसम खुशियों, मेल-मिलाप और खाने का होता है — लेकिन थोड़ी सी लापरवाही से यह त्योहार ज़हर में बदल सकता है।
साफ-सफाई रखें, खाना अच्छे से पकाएँ, और “डेंजर ज़ोन” से बचें।
सावधानी रखें और गर्मी का स्वाद बिना बीमारी के लें! 😋☀️
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