एक नई छोटी लेकिन अहम स्टडी में पाया गया कि यह दिल के लिए फायदेमंद डाइट अब पेट दर्द, गैस और आईबीएस के लक्षणों को भी कम कर सकती है।
मेडिटेरेनियन डाइट को दिल और दिमाग की सेहत के लिए लंबे समय से सराहा जाता रहा है, लेकिन अब एक नई रिसर्च से पता चला है कि यह डाइट इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम (IBS) यानी आंत्र रोग के लक्षणों को भी कम कर सकती है।
यह अध्ययन Neurogastroenterology & Motility जर्नल में प्रकाशित हुआ है और इसे यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन के शोधकर्ताओं ने किया। इसमें पाया गया कि मेडिटेरेनियन डाइट पेट दर्द, गैस, दस्त और कब्ज जैसी समस्याओं को काफी हद तक राहत दे सकती है।
फिलहाल, IBS के मरीजों को आमतौर पर लो-फॉडमैप डाइट अपनाने की सलाह दी जाती है। यह डाइट जरूर प्रभावशाली है, लेकिन बहुत ज्यादा प्रतिबंधात्मक होने के कारण इसे लंबे समय तक अपनाना मुश्किल होता है। इसके मुकाबले, मेडिटेरेनियन डाइट स्वादिष्ट, लचीली और आसान है—जिससे यह IBS के मरीजों के लिए एक बेहतरीन विकल्प बन सकती है।
“अगर कोई लो-फॉडमैप डाइट को फॉलो नहीं कर सकता और फिर भी डाइट से इलाज की कोशिश करना चाहता है, तो उनके लिए कुछ और अच्छे विकल्प मौजूद हैं,” कहते हैं अध्ययन लेखक डॉ. प्रशांत सिंह, यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन मेडिकल स्कूल के असिस्टेंट प्रोफेसर।
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क्या मिला स्टडी में?
इस छोटे से ट्रायल में 26 IBS मरीजों को चार सप्ताह के लिए या तो लो-फॉडमैप डाइट या मेडिटेरेनियन डाइट पर रखा गया। परिणाम उत्साहजनक थे:
- मेडिटेरेनियन डाइट वाले 70% मरीजों को पेट दर्द में राहत मिली
- 50% को गैस और फूले हुए पेट में कमी महसूस हुई
- 30% ने संपूर्ण लक्षणों में सुधार बताया
हालाँकि लो-फॉडमैप ग्रुप में कुछ परिणाम थोड़े बेहतर थे, दोनों ही डाइट से लक्षणों में अच्छा सुधार देखा गया—जो यह दर्शाता है कि मेडिटेरेनियन डाइट एक असरदार और सरल विकल्प हो सकता है।
क्यों है यह डाइट असरदार?
IBS आमतौर पर पेट में मौजूद सूक्ष्म जीवों (गट माइक्रोबायोम) के असंतुलन से जुड़ा होता है। डाइट इन जीवों की संख्या और गुणवत्ता को सीधे प्रभावित करती है। मेडिटेरेनियन डाइट में मौजूद फाइबर, एंटीऑक्सीडेंट और एंटी-इंफ्लेमेटरी तत्व अच्छे बैक्टीरिया की ग्रोथ को बढ़ावा देते हैं।
इस डाइट में शामिल होता है:
- भरपूर सब्जियां, फल, दालें और साबुत अनाज
- स्वस्थ फैट्स जैसे मछली, जैतून का तेल और मेवे
- कम प्रोसेस्ड फूड, कम शक्कर, कम लाल मांस और नमक
व्यस्त जीवन में भी आसान
जहां लो-फॉडमैप डाइट को फॉलो करने के लिए डाइटीशियन की गाइडेंस और प्लानिंग जरूरी होती है, वहीं मेडिटेरेनियन डाइट को रोजमर्रा की जिंदगी में आसानी से अपनाया जा सकता है।
“अगर कोई व्यक्ति परिवार, काम और घर की जिम्मेदारियों के बीच समय नहीं निकाल पा रहा, तो मेडिटेरेनियन डाइट उनके लिए बेहतर विकल्प हो सकती है,” कहती हैं ऐमी ब्रागनिनी, रजिस्टर्ड डाइटीशियन और न्यूट्रिशन एक्सपर्ट।
अभी शुरुआती स्टेज में, लेकिन उम्मीद जगाने वाला
यह मेडिटेरेनियन डाइट पर आधारित केवल दूसरा क्लिनिकल ट्रायल है जिसमें IBS पर इसके प्रभाव को देखा गया है, लेकिन दोनों ही स्टडीज़ के परिणाम सकारात्मक रहे हैं। शोधकर्ताओं का कहना है कि अभी और बड़े व दीर्घकालिक अध्ययन की ज़रूरत है ताकि यह जाना जा सके कि किसे किस डाइट से सबसे अधिक लाभ मिलता है।
“मेडिटेरेनियन डाइट एक पारंपरिक और संतुलित डाइट है, जिसे फॉलो करना आसान है और कुपोषण का खतरा भी कम होता है,” कहती हैं डॉ. हेलेन बर्टन-मरे, मैसाचुसेट्स जनरल हॉस्पिटल की गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल एक्सपर्ट।
निष्कर्ष
अगर आप IBS से जूझ रहे हैं और सख्त डाइट फॉलो करना मुश्किल हो रहा है, तो मेडिटेरेनियन डाइट एक आसान और हेल्दी विकल्प हो सकती है—जो आपके पाचन स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद कर सकती है। लेकिन कोई भी बड़ी डाइटरी चेंज करने से पहले हमेशा अपने डॉक्टर या डाइटीशियन से सलाह लें।
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