Global Health Advice

Trusted Health Guidance, Anytime, Anywhere.

कमर दर्द से राहत के 2 असरदार तरीके: दर्द कम हुआ, दवाओं की जरूरत भी घटी

कमर दर्द से राहत के असरदार तरीके

पुराने और लगातार रहने वाले कमर दर्द से राहत पाना एक मुश्किल काम हो सकता है—खासतौर पर उन लोगों के लिए जो ओपिओइड जैसी दर्द निवारक दवाओं पर निर्भर हैं। लेकिन एक नई रिसर्च में दो ऐसे नॉन-ड्रग थेरेपी तरीकों की पहचान की गई है, जिनसे दर्द में तो राहत मिली ही, साथ ही मरीजों ने पेनकिलर की खुराक भी कम की।

यह अध्ययन 7 अप्रैल को JAMA Network Open में प्रकाशित हुआ। पेन स्टेट यूनिवर्सिटी के शोधकर्ताओं ने पाया कि माइंडफुलनेस-बेस्ड थेरेपी (MBT) और कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी (CBT) ने लंबे समय से पीड़ित मरीजों की जीवन गुणवत्ता को बेहतर किया—जिनमें से कई पिछले 5 सालों से अधिक समय से दर्द झेल रहे थे।

“इन मरीजों ने पहले कई इलाज आजमा लिए थे, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ था,” प्रमुख शोधकर्ता डॉ. अलेक्ज़ान्ड्रा ज़गिएर्स्का ने बताया। “इसलिए इन तकनीकों से मिली राहत और भी खास रही।”

कमर दर्द: क्यों नहीं मिलती आसानी से राहत

लगातार रहने वाला लोअर बैक पेन बेहद आम है—करीब 28% अमेरिकी इससे जूझ रहे हैं। लेकिन असरदार नॉन-सर्जिकल इलाज सीमित हैं। एक अध्ययन में पाया गया कि केवल 10% ऐसे इलाज ही वैज्ञानिक रूप से प्रभावी साबित हुए हैं।

इसी वजह से शोधकर्ताओं ने दो साइकोलॉजिकल तरीके अपनाए:

  • CBT में मरीज यह सीखते हैं कि उनके नकारात्मक विचार और व्यवहार दर्द को कैसे प्रभावित कर रहे हैं, और उन्हें कैसे बदला जा सकता है।
  • MBT में व्यक्ति वर्तमान पल में रहने, अपने शरीर की भावनाओं और विचारों को बिना प्रतिक्रिया दिए स्वीकार करना सीखता है।

हालांकि दोनों तकनीकें अलग हैं, लेकिन मकसद एक ही है: दर्द को स्वीकार कर, जीवन की गुणवत्ता को बेहतर बनाना।

अध्ययन: साधारण प्रैक्टिस से मिले बड़े नतीजे

शोध में 770 वयस्कों को शामिल किया गया, जिनकी औसत उम्र 58 साल थी और सभी लोग पुराने दर्द के लिए ओपिओइड दवाएं ले रहे थे। आधे मरीजों को CBT और आधे को MBT दी गई।
इन लोगों ने सप्ताह में दो घंटे की ग्रुप सेशन आठ सप्ताह तक किए और फिर साल भर हर दिन 30 मिनट खुद से प्रैक्टिस करने को कहा गया।

नतीजे चौंकाने वाले थे:

  • दर्द में कमी
  • ओपिओइड दवाओं की मात्रा में गिरावट
  • शारीरिक गतिविधि में सुधार
  • कुल मिलाकर जीवन की गुणवत्ता में वृद्धि

एक साल बाद भी ज्यादातर प्रतिभागियों को इन तकनीकों से फायदा हो रहा था—जबकि उनकी स्थिति पहले लंबे समय से बिगड़ती जा रही थी।

“सिर्फ आठ हफ्तों में ऐसे सुधार सामान्यतः नहीं देखे जाते,” डॉ. ज़गिएर्स्का ने कहा।

CBT या MBT: दोनों असरदार विकल्प

रिसर्च में किसी एक तकनीक को बेहतर नहीं पाया गया, यानी मरीज अपनी पसंद के अनुसार CBT या MBT में से कोई भी चुन सकते हैं।

“कुछ लोग CBT के स्ट्रक्चर को पसंद करेंगे, जबकि कुछ माइंडफुलनेस के शांत और स्वीकृतिपूर्ण दृष्टिकोण से जुड़ पाएंगे,” ज़गिएर्स्का ने कहा।
ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरीकों से फायदा मिला, जो इसे और ज्यादा सुविधाजनक बनाता है।

दर्द प्रबंधन का नया रास्ता

विशेषज्ञ मानते हैं कि ये तकनीकें भले ही चमत्कारी इलाज न हों, लेकिन यह एक मजबूत सहारा जरूर बन सकती हैं—खासतौर पर तब, जब ओपिओइड दवाओं के साइड इफेक्ट्स भी चिंता का कारण हों।

“यह दिखाता है कि दर्द कम करते हुए दवाएं घटाना भी संभव है, बशर्ते लोगों को सही मदद दी जाए,” यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन की डॉ. अमांडा विलियम्स ने कहा।

आप क्या कर सकते हैं?

अगर आप पुराने कमर दर्द से परेशान हैं, तो अपने डॉक्टर से CBT या MBT के बारे में बात करें। हो सकता है कि आपकी बीमा योजना इनमें से किसी को कवर करती हो।
आजकल कई डिजिटल टूल्स, ऐप्स और सेल्फ-गाइडेड बुक्स भी मौजूद हैं।

“ये तरीके लोगों को उनकी भीतर की ताकत पहचानने और उपयोग करने में मदद करते हैं,” सह-लेखक डॉ. एरिक गारलैंड ने कहा।

हालांकि, डॉ. ज़गिएर्स्का ने चेतावनी दी कि इसे एक बार की कोशिश मानकर न छोड़ें। “जैसे कोई भी स्किल होती है, इसमें भी नियमित अभ्यास जरूरी है।”

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी की डॉ. बेथ डारनाल ने बताया, “समय के साथ ये तकनीकें आदत बन जाती हैं और शरीर एवं मन को दर्द से राहत देती हैं।”

निष्कर्ष:
अगर आप पुराने कमर दर्द और दवाओं के चक्र से बाहर निकलने की कोशिश कर रहे हैं, तो CBT और MBT जैसी तकनीकों को अपनाना एक सकारात्मक और असरदार कदम हो सकता है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *