
मैग्नीशियम और सिरदर्द
मैग्नीशियम का महत्व
- मैग्नीशियम मांसपेशियों और नसों के सही कामकाज, रक्त शर्करा और रक्तचाप को नियंत्रित करने में मदद करता है।
- आमतौर पर यह सिरदर्द का कारण नहीं बनता, लेकिन इसकी कमी या अधिक सेवन सिरदर्द और माइग्रेन को बढ़ा सकता है।
कम मैग्नीशियम के प्रभाव
- मस्तिष्क की कोशिकाओं का सही तरह से संवाद न कर पाना (CSD) – इससे माइग्रेन व ऑरा के लक्षण उभर सकते हैं।
- न्यूरोट्रांसमीटर और प्लेटलेट्स के संतुलन में गड़बड़ी – जिससे सिरदर्द बढ़ सकता है।
- रक्त वाहिकाओं का सिकुड़ना (Vasoconstriction) – यह भी सिरदर्द का कारण बन सकता है।
- cGRP नामक प्रोटीन का बढ़ना – माइग्रेन और सिरदर्द में इसकी बड़ी भूमिका होती है।
रिसर्च क्या कहती है
- माइग्रेन से पीड़ित लोगों में मैग्नीशियम की कमी अधिक पाई जाती है।
- इसका सही मात्रा में सेवन माइग्रेन की आवृत्ति और तीव्रता को कम कर सकता है।
कितनी मात्रा लें
- माइग्रेन के लिए 400-600 मिलीग्राम मैग्नीशियम की सलाह दी जाती है, लेकिन यह मात्रा सामान्य सप्लीमेंट्स से अधिक होती है।
- डॉक्टर से सलाह लेना ज़रूरी है।
अधिक मात्रा के दुष्प्रभाव
- ज्यादा सप्लीमेंट लेने पर दस्त, उल्टी, पेट दर्द जैसे हल्के दुष्प्रभाव हो सकते हैं।
- लंबे समय तक अधिक मात्रा लेने पर सिरदर्द, धुंधला दिखना, प्रतिक्रिया धीमी पड़ना जैसे गंभीर लक्षण हो सकते हैं।
दैनिक आवश्यकता
- पुरुषों के लिए 400-420 मिलीग्राम और महिलाओं के लिए 310-320 मिलीग्राम रोज़ाना की सिफारिश है।
- सप्लीमेंट से 350 मिलीग्राम से अधिक न लें।
सारांश
- मैग्नीशियम शरीर के लिए जरूरी है और सामान्य रूप से सिरदर्द का कारण नहीं बनता।
- मगर इसकी कमी या ज़्यादा मात्रा सिरदर्द और माइग्रेन को बढ़ा सकती है।
- हमेशा डॉक्टर की सलाह लेकर ही सप्लीमेंट का उपयोग करें और संतुलित आहार पर ध्यान दें।
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