
प्रोटीन मिथक
सच्ची जानकारी से जानें प्रोटीन के बारे में फैली भ्रांतियों की हकीकत
प्रोटीन मिथक
मिथक 1: एक बार में केवल 30 ग्राम प्रोटीन ही अवशोषित हो सकता है
- यह धारणा गलत है कि शरीर एक बार में सिर्फ 30 ग्राम प्रोटीन ही ले सकता है
- 2023 के एक अध्ययन के अनुसार, 100 ग्राम प्रोटीन की खुराक ने मांसपेशियों के निर्माण में ज्यादा असर डाला
- प्रोटीन सिर्फ मांसपेशियों के लिए नहीं, बल्कि हार्मोन, एंजाइम, ऊतक मरम्मत और इम्यून सिस्टम के लिए भी ज़रूरी है
- हर बार ज़्यादा प्रोटीन लेने की ज़रूरत नहीं, लेकिन 30 ग्राम की सीमा सही नहीं है
मिथक 2: उम्रदराज़ लोगों को कम प्रोटीन की ज़रूरत होती है
- जैसे-जैसे उम्र बढ़ती है, मांसपेशियों की मात्रा घटती है और शरीर प्रोटीन का सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता
- इसलिए बुजुर्गों को अधिक मात्रा में प्रोटीन की आवश्यकता होती है
- 65+ आयु वालों को रोज़ाना 1.0 से 1.3 ग्राम प्रति किलोग्राम प्रोटीन की सलाह दी जाती है
- यदि वे एक्सरसाइज करते हैं, तो यह मात्रा और भी बढ़ सकती है
मिथक 3: वर्कआउट के तुरंत बाद ही प्रोटीन लेना ज़रूरी है
- वर्कआउट के तुरंत बाद प्रोटीन लेना फायदेमंद हो सकता है, लेकिन जरूरी नहीं है
- कुल मिलाकर दिनभर में लिए गए प्रोटीन का महत्व ज्यादा होता है
- 1.6 से 3.3 ग्राम प्रति किलोग्राम प्रोटीन प्रतिदिन लेने की सलाह दी जाती है
- हर 3 घंटे में प्रोटीन युक्त भोजन लेना मांसपेशियों के विकास में सहायक होता है
मिथक 4: हाई-प्रोटीन डाइट किडनी के लिए हानिकारक होती है
- हेल्दी लोगों के लिए अधिक प्रोटीन लेना नुकसानदायक नहीं है
- यह सच है कि इससे नाइट्रोजन वेस्ट बढ़ता है, लेकिन किडनी इसे फिल्टर कर सकती है
- यहां तक कि RDA से 5 गुना ज्यादा प्रोटीन लेना भी सुरक्षित माना गया है
- लेकिन जिन लोगों को पहले से किडनी की समस्या है, उन्हें ध्यान रखना चाहिए
मिथक 5: RDA ही प्रोटीन का लक्ष्य होना चाहिए
- RDA (0.8 ग्राम प्रति किलोग्राम) सिर्फ न्यूनतम आवश्यकता को दर्शाता है
- यह मात्रा केवल शरीर को प्रोटीन की कमी से बचाने के लिए होती है
- नियमित व्यायाम करने वालों को 1.2 से 2.0 ग्राम प्रति किलोग्राम प्रोटीन लेना चाहिए
- मांसपेशी बढ़ाने वालों को इससे भी ज्यादा प्रोटीन की ज़रूरत होती है
मिथक 6: पर्याप्त प्रोटीन सिर्फ मांस से ही मिल सकता है
- पौधों से प्राप्त प्रोटीन भी आपके शरीर की ज़रूरतें पूरी कर सकते हैं
- सोया, टोफू, टेम्पेह जैसे सोया-आधारित आहार संपूर्ण प्रोटीन स्रोत हैं
- शाकाहारी लोगों को 20-40% ज्यादा प्रोटीन लेने की सलाह दी जाती है, खासकर जब वे वर्कआउट करते हैं
- प्रोटीन के लिए विविध स्रोतों को अपने भोजन में शामिल करें
मिथक 7: अधिक प्रोटीन से हड्डियों को नुकसान होता है
- पहले माना जाता था कि अधिक प्रोटीन से कैल्शियम हड्डियों से निकल जाता है
- लेकिन शोधों ने यह साबित कर दिया है कि प्रोटीन हड्डियों के लिए फायदेमंद है
- हड्डियों की संरचना में लगभग 50% प्रोटीन होता है
- पर्याप्त मात्रा में प्रोटीन लेने से ऑस्टियोपोरोसिस और फ्रैक्चर से बचाव होता है
मिथक 8: प्रोटीन केवल एक्टिव लोगों के लिए जरूरी है
- प्रोटीन सिर्फ मांसपेशियों के निर्माण के लिए नहीं है
- यह हार्मोन, एंजाइम, इम्यून सिस्टम और ऊतकों की मरम्मत में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है
- निष्क्रिय जीवनशैली वाले लोगों के लिए भी पर्याप्त प्रोटीन आवश्यक है
निष्कर्ष
- प्रोटीन से जुड़े कई मिथक समाज में प्रचलित हैं, लेकिन सच्चाई इनसे काफी अलग है
- सही जानकारी के साथ आप संतुलित और स्वास्थ्यवर्धक भोजन का चयन कर सकते हैं
- मिथकों को छोड़कर विज्ञान पर आधारित तथ्यों को अपनाएं और अपनी सेहत को बेहतर बनाएं