
इरेक्टाइल डिसफंक्शन निदान
जानिए कैसे डॉक्टर लक्षणों और जांचों से सही निदान करते हैं
इरेक्टाइल डिसफंक्शन क्या है
- जब आप संतोषजनक इरेक्शन पाने या बनाए रखने में असमर्थ होते हैं
- यह अस्थायी भी हो सकता है और लंबे समय तक चलने वाला भी
- उम्र बढ़ने पर यह अधिक आम है पर यह सामान्य उम्र का हिस्सा नहीं है
किन्हें अधिक खतरा रहता है
- 40 वर्ष की उम्र में लगभग 5% पुरुषों को यह समस्या होती है
- 75 वर्ष से अधिक उम्र वालों में इसका प्रतिशत 30–40% तक पहुँच जाता है
मेडिकल और सेक्सुअल हिस्ट्री का महत्व
- डॉक्टर आपकी आदतों और सेहत के बारे में पूछते हैं
- तंबाकू, शराब, नशीले पदार्थ, मोटापा, डायबिटीज़ और हार्ट डिज़ीज़ जैसी स्थितियाँ जोखिम बढ़ाती हैं
- शारीरिक गतिविधि की कमी, हाई ब्लड प्रेशर, पेयरोनी डिज़ीज़, प्रोस्टेट कैंसर के उपचार के प्रभाव आदि भी कारण हो सकते हैं
डॉक्टर आपसे क्या क्या पूछते हैं
- इरेक्शन पाने और बनाए रखने में आपका भरोसा
- कितनी बार आप यौन संबंध पूरा कर पाते हैं
- सुबह उठते समय इरेक्शन होता है या नहीं
- सेक्स के दौरान संतुष्टि और ऑर्गैज़्म की आवृत्ति
- आपकी दवाइयों और खानपान की आदतों की जानकारी
शारीरिक जांच में क्या होता है
- पेनिस की संवेदनशीलता चेक करना
- रंग आकार या कर्व की जांच
- ब्लड प्रेशर हार्ट रेट आदि मापना
- हार्मोनल असंतुलन के संकेत देखना जैसे स्तन का विकास या शरीर पर अतिरिक्त बाल
मानसिक स्वास्थ्य की जांच
- डिप्रेशन तनाव और चिंता भी ईडी में योगदान कर सकते हैं
- डॉक्टर आपसे आपके भावनात्मक हालात और यौन व्यवहार पर प्रश्न पूछते हैं
- कई बार विशेष प्रश्नावली जैसे IIEF-5 भी भरवाई जाती है
लैब टेस्ट और इमेजिंग
- ब्लड टेस्ट शुगर फास्टिंग ग्लूकोज़ टेस्टोस्टेरोन लेवल लिपिड प्रोफाइल
- कलर डॉप्लर अल्ट्रासाउंड से पेनिस में ब्लड फ्लो की जांच
- नॉक्टर्नल इरेक्शन टेस्ट और इंजेक्शन टेस्ट से इरेक्शन की गुणवत्ता मापना
निष्कर्ष
इरेक्टाइल डिसफंक्शन का सही निदान बहुत ज़रूरी है ताकि समय पर उपचार मिल सके। डॉक्टर आपके मेडिकल हिस्ट्री शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के आधार पर जाँच करते हैं और ज़रूरत पड़ने पर टेस्ट भी कराते हैं। अपनी समस्या के बारे में खुलकर बात करना ही पहला और सबसे अहम कदम है।
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